Sub Mission on Agricultural Mechanization 2025

        Sub Mission on Agricultural 2025

Sub Mission on Agricultural भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय तकनीकी एवं विस्तार मिशन के अंतर्गत कृषि यंत्रीकरण उप मिशन योजना वर्ष 2024-25 से 90 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश पर संचालित की जा रही है। योजना में सभी प्रकार के कृषि यंत्र सम्मिलित हैं,

जिनकी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप मांग है। राज्य में पर्वतीय क्षेत्रों में फार्म मशीनरी बैंकों तथा मैदानी क्षेत्रों में कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में कृषि यंत्रों की सुलभता के साथ-साथ महिला श्रम को कम किया जा सके।

फार्म मशीनरी बैंक (एफ.एम.बी.) एवं कस्टम हायरिंग सेन्टरों (सी.एच.सी.) की स्थापना से कृषकों को उनकी स्थानीय आवश्यकता के अनुसार कम लागत पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो रहे हैं।

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि शक्ति 0.5 किलोवाट प्रति हेक्टेयर है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में यह लगभग 3 किलोवाट प्रति हेक्टेयर है। पर्वतीय क्षेत्रों में औसत कृषि शक्ति काफी कम है। पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी एवं बिखरी हुई जोत एवं सीढ़ीनुमा खेतों के कारण आधुनिक बड़े कृषि यंत्रों का प्रयोग सम्भव नहीं है।

Sub Mission on Agricultural

Sub Mission on Agricultural योजना के उद्देश्य-

  • छोटे और सीमांत किसानों के बीच कृषि मशीनीकरण की पहुंच बढ़ाना।
  • कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करना जहां छोटे किसान भी कम कीमत पर कृषि मशीनरी प्राप्त कर सकें।
  • कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना करना ताकि सभी कृषि उपकरण सीमांत, छोटे किसानों और यहां तक कि दूरदराज के क्षेत्रों तक भी उपलब्ध कराए जा सकें।
  • सभी प्रकार के कृषि उपकरणों का समूह तैयार करना।
  • प्रदर्शन, क्षमता विकास और प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्रीकरण के बारे में जागरूक करना।

Sub Mission on Agricultural

Sub Mission on Agricultural 2025

  1. फसलोत्तर प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन (पीएचटीएम) का प्रदर्शन, प्रशिक्षण एवं वितरण: इसका उद्देश्य प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन,
  2. कम लागत वाले वैज्ञानिक भंडारण/परिवहन और फसल उप-उत्पाद प्रबंधन हेतु प्रौद्योगिकी को प्रदर्शनों एवं किसानों एवं अंतिम उपयोगकर्ताओं की क्षमता निर्माण के माध्यम से लोकप्रिय बनाना है। पीएचटी इकाइयों की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है
  3. कस्टम हायरिंग के लिए उच्च तकनीक, उच्च उत्पादक उपकरण केंद्र स्थापित करना: गन्ना, कपास आदि जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों के लिए उच्च तकनीक मशीनरी केंद्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है .
  4. कस्टम हायरिंग केंद्रों के माध्यम से प्रति हेक्टेयर मशीनीकृत परिचालन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता: कम मशीनीकृत क्षेत्रों में कस्टम हायरिंग केंद्रों से मशीनरी/उपकरण किराए पर लेने वाले लाभार्थियों को प्रति हेक्टेयर के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती .
Sub Mission on Agricultural

BENEFITS of this Scheme  2025

  • प्रदर्शन और क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करना।
  • पूरे देश में स्थित नामित परीक्षण केंद्रों पर कृषि मशीनों का प्रदर्शन, परीक्षण और प्रमाणन सुनिश्चित करना।

Sub Mission on Agricultural कृषि/कृषि मशीनीकरण:

      • मशीनीकृत कृषि, कृषि कार्य को यंत्रीकृत करने के लिये कृषि मशीनरी का उपयोग करने की प्रक्रिया है।कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिये उन्नत कृषि उपकरण और मशीनरी आवश्यक इनपुट हैं।

कृषि मशीनीकरण का स्तर:

    • भारत में लगभग 40-45% के साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में मशीनीकरण का स्तर बहुत अधिक है, लेकिन उत्तर-पूर्वी राज्यों में मशीनीकरण नगण्य है।

Sub Mission on Agricultural योजना का लाभ:

  • कृषि कार्यों में लगने वाले समय और श्रम की लागत को कम करना।
  • फसल की पैदावार बढ़ाना।
  • किसानों की आय में वृद्धि करना।
  • कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना।
  • दूरदराज के क्षेत्रों में कृषि मशीनीकरण की पहुंच बढ़ाना। 

    HIGHLIGHTS OF THIS SCHEME 2025

वर्ग  टिप्पणी 
कार्यान्वयन एजेंसियां  फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (एफएमटीटीआई), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और राज्य कृषि विश्वविद्यालय (एसएयू) 
वित्तीय सहायता 
सरकारी संस्थानों और संगठनों द्वारा ड्रोन की खरीद   एसएमएएम योजना कृषि ड्रोन की लागत का 100% (अधिकतम 10 लाख रुपये तक) प्रति ड्रोन प्रदान करती है 
किसानों के खेतों पर प्रदर्शन के लिए एफपीओ को  कृषि ड्रोन के लिए 75% तक वित्तीय सहायता प्रदान करता है 
कार्यान्वयन एजेंसियों को आकस्मिक व्यय प्रदान किया जाता है 
  • किराये पर लेने के लिए – 6000 रुपये प्रति हेक्टेयर 
  • खरीद के लिए – 3000 रुपये प्रति हेक्टेयर 
किसानों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों की सहकारी समिति के अंतर्गत कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) द्वारा किसानों को किराये के आधार पर  40% तक अनुदान (अधिकतम 4.00 लाख रुपये) 
कृषि स्नातकों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करना  लागत का 50% तक वित्तीय सहायता (प्रति ड्रोन अधिकतम 5.00 लाख रुपये) 
व्यक्तिगत खरीद के लिए 
  • लघु एवं सीमांत, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पूर्वोत्तर राज्य के किसान – लागत का 50%, अधिकतम 5.00 लाख रुपये तक 
  • अन्य – लागत का 40%, अधिकतम 4.00 लाख तक 

 HOW TO APPLY ONLINE 2025

चरण 1 : कृषि मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की आधिकारिक वेबसाइट https://agrimachinery.nic.in/

2 : होमपेज पर, ‘कृषि मशीनीकरण में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण’ विकल्प पर क्लिक करें 

3  इसे चुनने के बाद, डैशबोर्ड से पंजीकरण बटन पर क्लिक करें 

4 : पंजीकरण के ड्रॉप-डाउन मेनू से किसानों का चयन करें 

 5 : अपना राज्य और आधार नंबर दर्ज करें और खुद को किसान के रूप में पंजीकृत करें 

 6 :  सभी जानकारी ध्यानपूर्वक भरें और पूरा होने के बाद ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *