Artificial insemination program scheme 2024 -2025

 Artificial insemination 2024

Artificial insemination स्कीम भारती देश में 600 मिलियन से अधिक मवेशियों को खुरपका-मुंहपका रोग और ब्रुसेलोसिस नामक दो बीमारियों से बचाने के प्रयास में टीकाकरण करना .

सारा कार्यक्रम का उद्देश्य ब्रुसेलोसिस रोग के खिलाफ लड़ाई में प्रतिवर्ष 36 मिलियन मादा गोजातीय बछड़ों का टीकाकरण करना भी है .

2025 तक पशुधन रोगों पर नियंत्रण करना तथा 2030 तक उनका उन्मूलन करना .

इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिन पशुओं को कवर किया जाएगा उनमें एफएमडी के विरुद्ध गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर शामिल हैं .

जीवनक्षम घर की दहलीज तक कृत्रिम ...

 

Artificial insemination कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम

कृत्रिम गर्भाधान मादा नस्लों में गर्भधारण लाने की एक नई विधि है .

यह कुछ जननांग प्रकृति की बीमारियों के प्रसार को रोकता है, जिससे नस्ल की कार्यक्षमता बढ़ जाती है .

कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) केवीके राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) का एक अभिन्न अंग है , जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के ज्ञान और संसाधन केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं .

एनएआरएस को विस्तार प्रणाली और किसानों के साथ जोड़ रहे हैं । केवीके को भारत सरकार द्वारा 100% वित्त पोषित किया जाता है।

Artificial insemination

 

गर्भाधान से अन्य प्रमुख लाभ .

कृत्रिम गर्भाधान के कारण सांडों का चयन करना संभव होता है, क्योंकी अनेक पशुओं में प्रजनन हेतु कम सांडों की आवश्यकता होती है .

कृत्रिम गर्भाधान के समय हजारों पशुओं की जाँच होने से उनका प्रजनन, स्वास्थ्य के आधार पर चुनाव, छटनी, इलाज कराना संभव होता है। जिससे पशुओं में प्रजनन की क्षमता में विकास होता है .

प्राकृतिक विधि से प्रजनन कराने पर प्रत्येक पशु के जाँच ने होने के कारण, प्रजनन की क्षमता में विकास संभव नहीं होता है .

इस प्रकार से कृत्रिम गर्भाधान के कारण सेक्सुअल हेल्थ कंट्रोल संभव होता है। प्रजनन से संबंधित बिमारियों की रोकथाम संभव होती है, क्योंकि नर पशु का मादा पशु से सीधा संपर्क नहीं होता है।

 

Artificial insemination

 

Artificial inseminationकृत्रिम गर्भाधान में जिलों की स्थिति  

जिले                 पशु संख्या

हरिद्वार           13344

अल्मोड़ा            7673

पौड़ी                 5062

देहरादून           8001

बागेश्वर           3732

उत्तरकाशी       4632

नैनीताल          6223

पिथौरागढ़        4124

टिहरी              3570

चम्पावत          5452

चमोली            2886

रुद्रप्रयाग         3877

Artificial insemination
पशुपालन को बढ़ावा देने को लेकर शासन स्तर से यूं तो तमाम कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। मवेशी सुरक्षित रहें इसे लेकर समय-समय पर टीकाकरण आदि का अभियान चलाया जाता है
जबकि जिले में योजनाओं को क्रियान्वित करने को लेकर संचालित 11 पशु अस्पतालों में चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की पर्याप्त संख्या नहीं है।

2025 तक पशुधन रोगों पर नियंत्रण करना तथा 2030 तक उनका उन्मूलन करना .

 

How to apply in this scheme 2024 

इस योजना में अप्लाई करने के लिए सबसे पहले इस ऑफिसियल वेबसाइटइन  के पोर्टल पर जाना है.

बाद में वेबसाइट के होमपेज पर “अभी आवेदन करें” उस पर क्लिक करना है .

इसके बाद सभी व्यक्तिगत विवरण दर्ज करें, जैसे कि आपका नाम, ईमेल, फ़ोन नंबर और पता को भरो .

बाद सभी आवश्यक दस्तावेज में आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें

जैसे कि आपका आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और फ़ोटो अपलोड कर दे , लास्ट में दोबार जांचे और “सबमिट करें” बटन पर क्लिक करें। इसे सबमिट करो .

 

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