Rajnigandha Ki Kheti 2024 Tuberose Farming
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Rajnigandha Ki Kheti
Rajnigandha Ki Kheti स्कीम उत्तर प्रदेश सरकार दवारा चलाइ गए है। जिसमें जनीगंधा का फूल बहुत ही उपयोगी होता है व्यावसायिक दृष्टिकोण से रजनीगंधा के फूल को अति महत्वपूर्ण माना जाता है इसका पुष्प सफेद रंग का एवं बहुत ही सुगंधित होता है, जो मन को मोहित कर लेता है. यह रजनीगंधा के अलावा ‘स्वोर्ड लिल्ली’ और ‘निशीगंधा’ के नाम से भी जाना जाता है यह जड़ी बूटी वाला पौधा होता है.
इसकी डंठल लगभग 75-100 CM लंबी होती है जिससे 10 से 20 चिमनी के आकार वाले सफेद फूल निकलते हैं कट फ्लावर देखने में ज्यादा आकर्षक और मीठी सुगंध वाले होते हैं जिसे लंबे समय तक स्टोर करके भी रखा जा सकता है इस वजह से इस फूल का उपयोग गुलदस्ता बनाने में भी किया जाता है.
इस स्कीम में रजनीगंधा सदाबहार जड़ी-बुटी वाला एक पौधा है. इसमें फूल की डंठल 75 से 100 सेंटी मीटर लंबी होती है, जिसमें सफेद रंग के फूल आते हैं. रजनीगंधा के फूलों का इस्तेमाल गुलदस्ता बनाने के लिए किया जाता है.
Rajnigandha Ki Kheti (Tuberose Farming Method)
रजनीगंधा की खेती में पौधे के लिए खाद्य उर्वरक का उपयोग सही ढंग से करना आवश्यक होता है इसके लिए खेत में खरपतवार दिखते ही निकाल देना चाहिए निराई करने से मिट्टी ढीली हो जाती है और वायु का संचार बना रहता है, इससे कंद की जड़ सही रूप से विकसित होती है प्रत्येक कंद से 1 से 3 स्पाइक प्राप्त होती है तथा 3 वर्ष पश्चात् प्रत्येक पौधे से छोटे-छोटे आकार वाले 25 से 30 कंद मिलते हैं।
रजनीगंधा सिंगल किस्में:-
1 Calcutta Single:- यह रजनीगंधा के सफेद फूल वाली कि होती है जिसके प्रत्येक दांडी की लंबाई 60 सेंटीमीटर होती है और एक डंडी में लगभग 38 से 40 फूल देखने को मिलते हैं ऐसे मुख्य तौर पर खुला या कट फ्लावर के तौर पर प्रयोग किया जाता है
2 Prajwal:- रजनीगंधा की यह कि हर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर रिसर्च बैंगलोर द्वारा विकसित की गई है इसे श्रीनगर और मैक्सिकन सिंगल का संकरण करके तैयार किया जाता है इस फूल की कलियां हल्की गुलाबी रंग की होती है जिससे सफेद रंग का फूल निकलता है इसे मुख्ता कट फ्लावर और खुले तौर पर प्रयोग में लाया जाता है .
Rajnigandha Ki Kheti के पौध रोग व उपचार (Tuberculosis Plant Diseases and Treatment)
रोग | रोग का प्रकार | रोग की रोकथाम |
तना सड़न | सक्लेरोशिअम रोल फसाई फफूंदी रोग | पोधों की जड़ो पर मैलाथियान या रोगर का छिड़काव करे . |
ग्रास हॉपर | कीट रोग | मैलाथियान की उचित मात्रा का छिड़काव पौधों पर करे . |
माहू और थ्रिप्स | कीट रोग | मोनोक्रोटोफॉस का छिड़काव पौधों पर करे . |
कली सड़न | इरबीनी स्पेसिडा फफूंद रोग | पौधों पर स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 500 पी.पी.एम की उचित मात्रा का छिड़काव करे . |
निमेटोड | कीट रोग | पौधों की जड़ो पर कार्बोफ्यूरान या थाइमेट का छिड़काव करे . |
तंबाकू मोज़ेक वायरस | वायरस जनित रोग | पौधों पर फिप्रोनिल का छिड़काव करे . |
Official Website:
https://upagripardarshi.gov.in/Index.aspx
Rajnigandha ki kheti के फूलो कीमत, उत्पादन और लाभ (Tuberose Flowers Price Production and Benefits).
एक हेक्टेयर खेत से लगभग 80 क्विंटल रजनीगंधा के फूल पैदा होते हैं। रजनीगंधा के फूलों का बाजार मूल्य 20 रुपये प्रति किलोग्राम है. किसान भाई अपनी एक बार की फसल से 1.5 से 2 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.
इसके अलावा कम खर्च में बल्ब को तीन गुना तक दोबारा उगाया जा सकता है, इससे आपको दूसरे साल में भी लगभग इतनी ही रकम मिल सकती है.
How to Apply in this SCHEME
इस योजना में अप्लाई करने के लिए ऑफलाइन तरिके से भी आप इस स्कीम लाभ ले पायेगें . सरकार दवरा बनाये खाद्य दफ्तर में जा के और इसका लाभ ले पायेगें। इस योजना में आपको फ्रॉम ले कर उसे भर के है इसमने दी हुए सभी दुकोमेंट्स को आत्ताच करकर इसे आप फ़ूड एंड सप्लाई ऑफिस मने सबमिट करवा के आप इस स्कीम का लाभ ले पायेगें ।
बाद में इसका लाभ ले पायेगें। इसमें आपको इसके बीज दिए जायेगें जिससे रजनी Ganda ki खेती कर पायेगें ।इसके उत्पादन से आप इससे अधिक उत्पादन से बढ़िया पैसे कमा पायेगें।