Zero Budget Natural farming Scheme 2024 .
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Zero Budget Natural farming
Zero Budget Natural farming स्कीम सन 1990 के दशक के मध्य में कृषक सुभाष पालेकर द्वारा हरित क्रांति की प्रथाओं के विकल्प के रूप में स्थापित किया गया था, जो रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के साथ-साथ भारी सिंचाई पर आधारित हैं .
शून्य-बजट प्राकृतिक कृषि (ZBNF) मुख्य रूप से रसायन मुक्त कृषि की एक विधि है, जिसे महाराष्ट्र के किसान सुभाष पालेकर द्वारा विकसित किया गया है.
Zero Budget Natural farmingमुख्यतः चार स्तंभों पर आधारित है-
1 जीवामृत अथवा जीवनमूर्ति- इसे गाय के गोबर व मूत्र, दालों के आटे एवं ब्राउन शुगर को मिलाकर निर्मित किया जाता है। यह मृदा में पोषक तत्त्वों को मिलाने के लिये उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है .
2 बीजामृत- यह एक प्रकार का लेप है, जिसे रोपण से पहले बीजों पर लगाया जाता है।
आच्छादन अथवा मल्चिंग- मृदा की नमी को बनाए रखने के लिये मल्चिंग का सहारा लिया जाता है, यह तीन प्रकार की होती है- लाइव, स्ट्रॉ तथा मृदा मल्चिंग .
3 व्हापासा अथवा नमी- वह स्थिति जिसके तहत माना जाता है कि ‘नमी’ वायु एवं मृदा में मौज़ूद होता है, अतः फसल को सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है, अर्थात् नमी की सहायता से ही पौधों का विकास होता है .
Zero Budget Natural farming Importance in Hindi .
1 इस स्कीम के अनुसार सभी राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 70% कृषि परिवार अपनी कमाई से अधिक खर्च करते हैं।
2 ZBNF जैसी प्राकृतिक खेती के तरीके, जो किसानों को उन इनपुट को खरीदने के लिए ऋण की आवश्यकता को कम करते हैं जो वे बर्दाश्त नहीं कर सकते है।
3 यह बीज, उर्वरक, कीटनाशकों और अन्य रसायनों जैसे बाहरी आदानों पर निर्भरता कम करके खेती की लागत को कम करता है, जो किसानों के बीच कर्ज और आत्महत्या का एक प्रमुख स्रोत है .
4 इन आदानों पर पैसा बर्बाद किए बिना, किसान शून्य बजट प्राकृतिक खेती का उपयोग कर सकता है। नतीजतन, उत्पादन लागत कम हो सकती है, और खेती “शून्य बजट” उद्यम बन सकती है।
5 इससे सारा पर्यावरणीय और दीर्घकालिक प्रजनन प्रभावों के खिलाफ लड़ाई फायदेमंद है।
6 इस अभियान का उद्देश्य रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग को समाप्त करना और ध्वनि कृषि संबंधी प्रथाओं को बढ़ावा देना है। यह मृदा
7 संरक्षण, बीज विविधता को बढ़ाता है और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है .
Scheme important Documents
1 Applicant name
2 Citizen of India
3 Aadhar card
4 Rasan card
5 Krishi land of Person
6 BPL / APL Category
Difference between Zero Budget Natural Farming and Organic Farming in Hindi .
शून्य बजट प्राकृतिक खेती | जैविक खेती |
ZBNF मिट्टी पर रासायनिक या जैविक उर्वरकों का उपयोग नहीं करता है। वास्तव में, कोई अतिरिक्त पोषक तत्व मिट्टी में नहीं डाला जाता है या पौधों को नहीं दिया जाता है।
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ऑफिसियल वेबसाइट : https://www.mofpi.gov.in/
Way Forward in Process Krishi .
सारे में कृषि बाजारों के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा
सभी राज्यों को सभी खाद्यान्न और गैर-खाद्यान्न फसलों के लिए खरीद तंत्र का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।
सीमित संख्या में फसलों के लिए मूल्य की कमी भुगतान तंत्र का कार्यान्वय।
खेती की लागत के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करना।
कृषि जिंसों के निर्यात के न्यूनतम मूल्यों को समाप्त किया जाना चाहिए .
जो भी “एमएसपी पर बेचने का अधिकार” पर कानून बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है .
सभी खेती की लागत कम करने के लिए मनरेगा को कृषि कार्य से भी जोड़ा जाना चाहिए, जो हाल के वर्षों में उच्च दर से बढ़ी है .
इन चुनौतियों को दूर नहीं किया जाता, तब तक किसानों की आय का दोगुना होना दूर की बात है।
Scheme ka उद्देश्य .
- 1 खेती की लागत कम करके अधिक लाभ लेना .
- 2 मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना .
- 3 रासायनिक खादएवं कीटनाशकों के प्रयोग में कमी लाना .
- 4 कम पानी व सिंचाइ र्से अधिक उत्पादन लेना .
- 5 किसानों की बाजार निर्भरता में कमी .
HOW TO APPLY IN THIS SCHEME
इस स्कीम में अप्लाई क रने के लिए इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाओ। बाद में वेबसाइट ओपन करने के बाद इसमने होम पेज पर जाके नई यूजर नाम और पासवर्ड बनाओ . जिसकी मदद से आप लोग इस फॉर्म को फइलल करके इस स्कीम का लाभ ले पायेगें। इस योजना में सभी लोग काम लगत में काम करके कृषि से अच्छा लाभ ले पायेगें। और अपना अनाज भी बेच पायेगें .