इम्यूनिटी क्या है और कितने प्रकार की है आइए जानें | IMMUNITY
Table of Contents
इम्यूनिटी क्या है ?
इम्यूनिटी क्या है ? Immunity यानी की प्रतिरक्षा प्रणाली. दूसरे शब्दों में आपके श्रीर के अंदर ही मौजूद वो शक्ति जो आपको रोग से लड़ने की शक्ति देती है.यह हर व्यक्ति के ख़ान पान पर निर्भर करते है. तथा पौष्टिक आहार का सेवन करने से इसे बढ़ाया भी जा सकता है.
इम्यूनिटी क्या है और क्या है Immunity की परिभाषा :
इम्यूनिटी क्या है ? Immunity को हिन्दी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा कहते है .इसके बारे में स बसे पहले जानकारी रूस के वैज्ञानिक दिवतिय मेनिकिकोव और फ़्रांस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी लुईस पाइश्चर ने प्रदान की थी.
उदाहरण स्वरूप जब हम कोई भी खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं, तो हमारे पाचन तन्त्र मे स्थित कोशिकाएं इन खाद्य पदार्थो को पचाने का कार्य शुरू करती हैं .और कभी-कभी गलती से यह कोशिकाएँ भी हमारे शरीर के अन्दर ही नष्ट हो जाती हैं
.परिणामस्वरूप हमारे शरीर को हानि होती है. इस हानि को कम करने के लिए एक प्रणाली काम करती है. जिसे प्रतिरक्षा प्रणाली कहते है.
अत: प्रतिरक्षा प्रणाली एक ऐसी सुरक्षा प्रणाली है जो हमारे शरीर को भीतरी और बाहरी बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है |अंत में यह कह सकते हैं क़ि प्रतिरक्षा किसी भी बाहरी और भीतरी कारक के प्रति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ही प्रतिरक्षा कहलाती है और इसे शरीर में प्रतिरक्षा तन्त्र (प्रणाली) द्वारा चलाया जाता है |
Immunity प्रतिरक्षा के प्रकार :
इम्यूनिटी क्या है ? Immunity प्रतिरक्षा के दो प्रकार है :
( 1 ) प्राकृतिक / सहज /जन्मजात प्रतिरक्षा
( 2 ) अर्जित / प्राप्त प्रतिरक्षा
(1) Immunity प्राकृतिक /सहज / जन्मजात प्रतिरक्षा
Immunity की परिभाषा प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रत्येक व्यक्ति में पाई जाती है. जब किसी व्यक्ति का जन्म होता है तो उस व्यक्ति का शरीर बिना दवाईयों के प्रयोग से कुछ बीमारियों / इंफेक्शन से अपने आप को लड़ने के लिए तैयार कर लेता है.
प्राकृतिक प्रतिरक्षा में बाहरी कारक अगर शरीर में प्रवेश करते है. तो यह उनके विरुद्ध एक सीमा बनाते है और बाहरी कारक इस सीमा को पार नहीं कर पाते है.
अर्थात ये बाहरी कारक हमारे शरीर के भीतर प्रवेश करने मे असफ़ल होते हैं. और हमारा शरीर सुरक्षित हो जाता है.
सहज प्रतिरक्षा को भी चार भागो में बाँटा गया है
( 1 ) Immunity की परिभाषा शारीरिक अवरोध / बाधाएँ : यह एक अबरोधक का काम करते है. हमारे शरीर की त्वचा के अन्दर छोटे -छोटे जीवो के प्रवेश को रोकती है.
( 2 ) कायकिय अवरोधक / बाधाएँ: इसमे पेट की अम्लता , मुँह की लार में पाए जाने वाले लाईसोजाइम शामिल है. जो छोटे- छोटे जीवाणुओ / वाइरस के विकास को रोकते है.
( 3 ) कोशिकीय अवरोध / बाधाएँ : हमारे शरीर के भीतर रक्त में उपस्थित कोशिकाएँ जो उत्त्को में बहुत बडी मात्रा में रोगाणुओ के भक्षण के लिए इनका निर्माण करता है.
( 4 ) साईटोकाइन अबरोध / बाधाएँ : जब कोशिकाएँ किसी वाइरस के द्बारा इन्फेक्टेड हो जाती हैं. तो यह इंटेरफेरोन प्रोटीन का निर्माण करती है.
और यह प्रोटीन उस इंफेक्सन / वाइरस के सन्क्रमण को नियंत्रित करता है.
( 2 ) Immunity उपार्जित प्रतिरक्षा
Immunity की परिभाषा उपार्जित प्रतिरक्षा को विशेष प्रकार की प्रतिरक्षा भी कहा जाता है .इसमें हमारा शरीर बाहरी कारको के विरुद्ध पूरी तरह से काम नहीं करता है. अर्थात् किसी भी इंफेक्शन या वाइरस से लड़ने में अक्षम होने पर हमारे शरीर को अतिरिक्त इलाज की आवश्यकता पड़ती है .
जैसे कि टीकाकरण के द्वारा हमारे शरीर में बीमारियों ओं से लड़ने की क्षमता अधिक बढा देते है . दूसरे शब्दों मे हम यह बोल सकते हैं कि हमारे शरीर मे किसीविशेष प्रतिजन (antigen) के प्रवेश पर विशेष प्रकार के प्रतिरक्षी का निर्माण होता हे, जो उस प्रतिजन को नष्ट करने मे सहायता करता है.
अत: हम कह सकते हैं कि ऐसी प्रतिरक्षा जो हमारे शरीर द्वारा हमारे जन्म के बाद अडेपटेशन के दौरान शरीर द्वारा बनाई जाती है उसे उपार्जित प्रतिरक्षा कहते हैं.
उपार्जित प्रतिरक्षा भी दो प्रकार की होती है
(1)उपार्जित सक्रिय प्रतिरक्षा
इस प्रीतिरक्षा मे हमारा शरीर किसी भी इन्फेक्षन / वाइरस से लड़ने के लिए स्वयं भविष्य ही एन्टीबॉडी का निर्माण करता है .
जो की हमारी मेमोरी मे उपस्थित होती है वह उसी समय क्रिया करने शुरु कर देती है, और हमारा शरीर उस एन्टीजन या इंफेक्सन से सुरक्षित हो जाता है.
उदाहरण के लिए जब पहली बार हमें चिकनपॉक्स होते है तो हमारा शरीर प्राइमरी रिसपोंस देता है.
उपार्जित सक्रिय प्रतिरक्षा भी दो प्रकार की होती है
(1) प्राकृतिक सक्रिय प्रतिरक्षा
(2) कृत्रिम सक्रिय प्रतिरक्षा |
प्राकृतिक सक्रिय प्रतिरक्षा में मनुष्य जीव के पूर्ण विकसित सन्क्रमण को विकसित करता है. और बाद में स्वयं को उस के प्रति प्रतिरोधी पाता है.
कृत्रिम प्रतिरक्षा में रोगी की प्रतिरक्षा को सक्रिय रखने के लिए पदार्थों के साथ एक जीव के साथ पेश किया जाता है.
( 2 )उपार्जित निष्क्रिय प्रतिरक्षा
निष्क्रिय प्रतिरक्षा में जब भी कोई बाहरी इंफेक्शन हमारे शरीर मे प्रवेश करता है.
और शरीर को इमिडेट्ली सुरक्षा मिल जाती है .पर यह हमारी मेमोरी में सुरक्षित नहीं रहती है.
उदाहरण : साँप के काटने पर लगाया जाने वाला टीका.
उपार्जित निष्क्रिय प्रतिरक्षा भी दो प्रकार की होती है
(1)प्राकृतिक निष्क्रियप्रतिरक्षा.
(2) कृत्रिम निष्क्रिय प्रतिरक्षा.
Immunity की परिभाषा — प्राकृतिक निष्क्रिय प्रतिरक्षा में माँ से बच्चे को कोलोस्ट्रम और स्तन के दूध द्वारा एन्टीबॉडी दी जाती है.
— कृत्रिम निष्क्रिय प्रतिरक्षा में एन्टीसेरा का टीका और साँप का एन्टीवेनम का टीका आता है.